🟪 जब तक हिन्दू बनकर सोचोगे.......
वृत्त एकसत्ता न्यूज
संकलक : भाग्यवंत लक्ष्मण नायकुडे
अकलूज, (महाराष्ट्र राज्य) दिनांक 20/7/2025 :
जब तक हिन्दू बनकर सोचोगे तब तक ब्राह्मणों के गुलाम बने रहोगे, अब समय आ गया है उनके द्वारा हड़पे गए अपने हक अधिकारों के बारे में सोचो, उन्हें वापस पाने के बारे में सोचो उनके काल्पनिक देवी देवताओं की रक्षा के चक्कर में हिन्दू बनकर कब तक अपने हक अधिकार उनको सौंपते रहोगे?
ब्राह्मण धर्म के हर ग्रंथ में तुम्हें नीच शूद्र कहकर अपमानित किया गया है।
वे कथित धार्मिक ग्रंथ और उनमें वर्णित काल्पनिक ईश्वर देवी देवता तुम्हारे कैसे हो सकते हैं? क्या किसी ईश्वर देवी देवता के किसी शूद्र के घर पैदा होने का वर्णन है?
क्या किसी ब्राह्मणी ईश्वर देवी देवता ने शूद्रों के अपमान के खिलाफ बगावत की या शूद्रों के मान सम्मान स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी? नहीं ना!
तो उनके अस्तित्व पर सवाल उठाए जाने पर तुम क्यों दुबले हुए जा रहे हो?
ब्राह्मण धर्म की रक्षा उसके लाभार्थियों पर छोड़ दो! तुम अपने आधिकारों की लड़ाई पर ध्यान केन्द्रित करो ! अपने मान सम्मान स्वाभिमान की लड़ाई लड़ों !
*तर्कवादी बनो!
वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाओ!
ब्राह्मणों ने तुम्हें हिन्दू बनाकर धर्म रक्षा में लगा दिया और खुद सत्ताधारी बनकर विधायिका कार्यपालिका न्यायपालिका मीडिया और कार्पोरेट जगत पर कब्जा जमा लिया तीन पर्सेंट होकर 80 से 90% जगहों पर काबिज हैं और षड्यंत्र पूर्वक तुम्हारे हक अधिकार की लड़ाई लड़ने वाले, मानवता वाद , वैज्ञानिकता, नैतिकता की अलख जगाने वाले महापुरुषों के बारे में तुम्हें जानने ही नहीं दिया, उनके प्रचार के वशीभूत होकर तुम ब्राह्मणों की बनाई नीच ऊंच के भेदभाव एवं अंधविश्वास से बजबजाती अमानवीय सामाजिक व्यवस्था को धर्म मान बैठे और लग गए उसकी पूजा और रक्षा में !*भूल गए या जान ही नहीं पाए बुद्ध ,संत कबीर, रैदास , फुले साहू अम्बेडकर पेरियार आदि महापुरुषों को जिनके संघर्षों की बदौलत ही आज थोड़ा बहुत बहुत मान सम्मान का जीवन जी रहे हो!
आंखें खोलो ! मित्र और शत्रु को पहचानो!
हजारों सालों से चल रहे समतावाद और विषमता वाद के संघर्ष को जानो!
मानवता वादी महापुरुषों के साहित्य को पढ़ो!
उन संगठनों से जुड़ो जो समतावादी महापुरुषों के विचारों के प्रचार-प्रसार में लगे हैं!
जिस ब्राह्मण धर्म की रक्षा के उद्यत हो , उसने ही शूद्र बनाकर तुम्हारी हजारों पीढ़ियों को शिक्षा संपत्ति शस्त्र मान सम्मान से वंचित रखा था*उसके द्वारा ही शोषित पीड़ित वंचित शूद्र बहुजन समाज के हड़पे गए हक अधिकारों मान सम्मान को वापस दिलाने , उन्हें भारत का शासक वर्ग बनाने के लिए एकजुट करके संघर्ष पथ पर आगे बढ़ो!
संविधान द्वारा वर्गीकृत एससी एसटी ओबीसी ही तुम्हारे कथित धर्म में वर्णित शूद्र हैं तुम खुद को झूठी तसल्ली देने के लिए कुछ भी समझो ब्राह्मण तुम्हें आज भी शूद्र समझता है और तुम्हारे साथ वही व्यवहार करता है जैसा उसके ग्रंथों में शूद्रों के लिए नियमित किया गया है।
जिस धर्म ने तुम्हें चौथे दर्जे का नागरिक शूद्र बनाया उसकी रक्षा में क्यों मरे जा रहे हो?
चन्द्र भान पाल (बी एस एस)
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